जालौन उरई------: (रिपोर्ट- अतुल शास्त्री भारत News Nation 24)उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन के ग्राम कुसमीलिया में करोड़ों रुपये लागत से निर्मित पानी की टंकी शोपीस बन कर रह गई है। डकोर क्षेत्र के गांवों में पेयजल को लेकर हाहाकार मचा है। करीब एक दर्जन गांव की हजारों आबादी प्रभावित है। ग्रामीण हैंडपम्प के भरोसे हैं। कई बार आश्वासन के बाद भी हैंडपंप की मरम्मत नहीं हुई है।
स्वजल योजना के अंतर्गत भाजपा शासनकाल में कुसमिलिया में पेयजल योजना की शुरुआत हुई थी। इसके तहत 10 कदम जनता तथा 90 कदम सरकार चलेगी इसके तहत पानी की टंकी का निर्माण हुआ था परंतु टंकी तो बन गयी थी पर चालू नहीं हो पाई थी। क्षेत्र की जनता ने जब अपनी आवाज सरकार और प्रशासन तक पहुंचाई तो इसे जल निगम को हैंडओवर कर दिया गया। इससे क्षेत्रीय लोगों को पेयजल संकट से निजात की उम्मीद जगी। जल निगम के तहत कुसमिलिया गाँव मे पाइप लाइन बिछाई गई । एक दशक के बाद आलम यह है कि पाइप लाइन जगह जगह से चोक और फटी हुई है । जिससे पानी गंधा और पीने योग्य तो है ही नहीं बल्कि पानी पूरे गांव में पहुंच ही नहीं पाता । इससे फिर आपूर्ति ठप हो गई। तकनीकी खामी से यहां कई बर्षों से जलापूर्ति प्रभावित है। लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। इससे हैंडपंपों पर दौड़ लगानी पड़ रही है। कुछ हैंडपंप ही सही हैं जिनमें भीड़ ही लगी रहती है। कोरोना काल में जहाँ एक ओर सरकार सामाजिक दूरी की बात करती है तो वहीं जब लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं होगा तो लोग क्या करेंगे। आवश्यकता ही आविष्कारों की जननी होती है। भूमि का जल स्तर गिरने से घरों में लगे हैंडपम्प तो दशकों से पानी नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर जल विभाग ने पुनः पाइप लाइन बिछाई पर सालों से वह भी चालू नहीं हुई ।पानी की टंकी में पानी ही नहीं रहता। लोग टंकी के अंदर घुसकर पत्ते खेलते हैं। ग्रामीण जगभान राजपूत, जितेंद्र बादल, रामकृष्ण श्रीवास, रामाधार श्रीवास, कृपाल राजपूत, मंगल लोधी, गिरिजा कोरी, गजराज विश्वकर्मा, शंकर दयाल जोशी, शंकर सोनी, सुबोध महाराज, सूर्यप्रकाश पांचाल आदि ने बताया कि अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए डकोर ब्लाक क्षेत्र में पानी का संकट बरकरार है। जल्द टंकी शुरू कराने की जरूरत है। धीरे-धीरे समस्या बढ़ रही है। यहां लगातार अनदेखी के कारण ग्रामीण परेशान हैं।
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