उपभोक्ताओं के सामने स्मार्ट मीटर लगने के बाद सबसे बड़ी समस्या बिजली के बिल को लेकर है। इसका बिल ऑनलाइन आता है और तय समय में भुगतान न करने पर ऑनलाइन तरीके से ही लाइट काट दी जाती है। लोग शिकायत करते हैं और भुगतान की अंतिम तिथि तक निस्तारण न होने पर वह इस भय से बिजली का बिल जमा कर देते हैं कि कहीं उनकी बिजली गुल न हो जाए। इसी तरह वे लगातार बिल जमा करते रहे और उनकी शिकायतें नजरअंदाज होती रहीं।
जालौन उरई--------: (रिपोर्ट्- आशीष पाठक भारत न्यूज़ नेशन 24 )उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन गया है। पहले भले ही विभाग के बड़े-बड़े इंजीनियर यह दावा कर रहे थे कि मीटर ठीक है, लेकिन उपभोक्ता शुरु से ही चिल्ला रहे हैं कि इसमें गड़बड़ी है। यह बेतहाशा दौड़ रहा है। रीडिग भी जंप कर रही है। उनकी इन बातों को यह कहकर खारिज कर दिया जाता था कि अधिक बिजली का बिल आने की वजह से वह ऐसा कह रहे हैं। अगस्त माह में सभी स्मार्ट मीटर अचानक बंद हुए तभी इसमें गड़बड़ी की बात सामने आ गई थी। हालां कि अफसर यही कह रहे थे सब दुरुस्त है। वहीं अब इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़े जाने और संबंधित अफसरों पर तथ्य छिपाने के मामले में कार्रवाई हुई तो यहां के अफसर अब साफ-साफ कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। अब वह यही कह रहे हैं कि लखनऊ में जो गड़बड़ी पकड़ी गई है, उसका अलग मामला है और यहां सब कुछ ओके है। कई उपकेंद्रों का घेराव कर बुलंद की थी आवाज मीटर को लेकर अधिक बिजली का बिल आने की शिकायतें तो इतनी हुईं कि विभाग भी इनकी गिनती भूल गया। उपभोक्ताओं की शिकायतों को दरकिनार करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई। अफसरों के चौखट पर भी लोगों ने दस्तक दी, लेकिन वहां से भी उनको कोई राहत की रोशनी नहीं नजर आई। कनेक्शन कटने के डर से कर देते हैं भुगतान :
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