लखनऊ --------उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने अब फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों पर शिकंजा कस लिया है वही डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा) की बीएड की फर्जी डिग्री पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी करने वाले जनपद के चार शिक्षकों को गत माह ही बर्खास्त किया गया था। अब उनसे वेतन की वसूली की तैयारी की जा रही है। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत वर्ष 2012 से जनपद के विभिन्न विद्यालयों में इनकी तैनाती हुई थी। वर्ष 2012 से अब तक इन शिक्षकों ने 1.48 करोड़ रुपये वेतन हासिल किया है।शिक्षकों के वेतन की वसूली के लिए वित्त व लेखाधिकारी अनूप मिश्रा ने सोमवार को आगणन कर रिपोर्ट बीएसए को सौंप दिया है। बीएसए ने बताया कि संबंधित चारों शिक्षकों से वेतन की वसूली के लिए दो दिनों के भीतर नोटिस जारी किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
शासन ने परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों की उपाधियों की जांच करने की जिम्मेदारी विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) सौंपी थी। जहाँ पर डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा) से बीएड करने वाले अध्यापकों की जांच एसआइटी पूरी कर चुकी है। जांच में फर्जी डिग्री मिलने वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआइटी ने शासन को पत्र भी लिखा था। इसके तहत सूबे के विभिन्न जनपदों में फर्जी डिग्री धारक अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। इसमें अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत चार शिक्षकों की जनपद में तैनाती हुई थी।
इन शिक्षकों के वेतन से होगी वसूली
1- ममता सिंह, प्रा.वि (सिरिहिरा-सेवापुरी ब्लाक)
2- किरन लता सिंह प्रा.वि. (बनपुरवा-काशी विद्यापीठ ब्लाक)
3-रेनू सिंह प्रा.वि. (राखी-आराजीलाइन ब्लाक)
4-सरिता वर्मा प्रा.वि. (दल्लूपुर-बड़ागांव)
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