जालौन उरई------:उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन के विकासखंड कदौरा के थाना कदौरा मैं थाना परिसर की ऊपरी मंजिल पर स्थित कमरे में सिपाही का शव लटकते देख पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही एसपी डॉ. सतीश कुमार और एएसपी डॉ. अवधेश कुमार फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। थाना पुलिस के मुताबिक सिपाही बीमार था, लेकिन बीमारी क्या थी, इसका जवाब किसी के पास नहीं था। दोपहर बाद पहुंचे परिजनों ने थाने के सहकर्मियों पर ही हत्या का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने परिजनों को मुश्किल से शांत कराया। एसपी का कहना है कि पहली नजर में आत्महत्या का ही मामला लग रहा है। देर रात आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है। थाने में पानी का कंटेनर रखने वाला युवक बृहस्पतिवार को सुबह करीब आठ बजे सिपाही रमेश चंद्र यादव (45) पुत्र छिमादार यादव निवासी थाना कुलपहाड़ जिला महोबा के कमरे में पहुंचा। चादर से छत की खूंटी के सहारे लटकते सिपाही के शव को देखकर युवक के होश उड़ गए। उसने आननफानन में नीचे आकर दरोगा और सिपाहियों को सूचना दी। घटना की जानकारी होने पर पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। करीब तीन घंटे के बाद एएसपी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। कुछ ही देर में एसपी और फोरेंसिक टीम भी पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गई। थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को बताया कि रमेश 1993 बैच का था। वह बीमार चल रहा था। क्या बीमारी थी, यह नहीं बता सके।
दोपहर दो बजे के आसपास रमेश के परिजन भी करीब 150 ग्रामीणों के साथ महोबा से आ गए। तब तक सिपाही का शव फंदे से ही लटका रहा था। शव की स्थिति देख परिजन थाने में तैनात रमेश के सहकर्मियों पर ही उसे मारकर लटकाने का आरोप लगाने लगे। भीड़ थाना परिसर से लेकर बाहर गेट तक हंगामा करती रही और शव को फंदे से उतरने नहीं दिया। यह देख आसपास के चार पांच थानों की फोर्स भी बुलाकर भीड़ की घेराबंदी कर दी गई। कुछ समय बाद थाने में ही मौजूद एसपी ने बड़ी मुश्किल से भीड़ को समझाबुझाकर शांत कराया। शाम चार बजे के आसपास शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। सिपाही के भाई अर्जुन और पत्नी शैल को सिपाहियों के साथियों ने ढांढस बंधाया। पुलिस काफी देर तक कमरे को खंगालती रही, लेकिन सुसाइड नोट या सुराग नही
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