आपको घटना से अवगत कराते चला कि बांदा से तिंदवारी थाना क्षेत्र के गांव आबादी निवासी युवक राहुल यादव पुत्र विजय पाल ने घर के पीछे लगे बेरी के पेड़ में फांसी लगा ली। उसकी भाभी कंचन बर्तन धोने गई तो उसे तड़पते देखा। परिजनों से गुहार लगाई। आनन-फानन उसे फंदे से निकालकर परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता विजयपाल यादव की सूचना पर पुलिस ने शव का पंचनामा भरा। बताया कि कुछ दिनों से राहुल मानसिक रूप से परेशान रहता था
राहुल के ऊपर लगाए गए आरोप से था मलाल
पूरी घटना से आपको अवगत कराते चलें कि एक दिसंबर 2019 को पड़ोस की सात वर्षीय बच्ची के साथ छेड़खानी के आरोप में पुलिस ने राहुल के खिलाफ आइपीसी की धारा 354, पाक्सो सहित एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था। उसे सात दिसंबर को जेल भेज दिया गया था। राहुल ही घर का कमाऊ पूत था। उसके जेल चले जाने से परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा था। 14 अप्रैल 2020 को राहुल कोरोना के चलते जमानत पर जेल से बाहर आया था। पिता विजयपाल यादव ने बताया कि पड़ोसी ने उसके बेटे राहुल को सात वर्षीय बच्ची के साथ छेड़खानी के झूठे आरोप में फंसा दिया था। पुलिस ने बिना जांच-पड़ताल किए उसे जेल भेज दिया। अब समझौते के लिए लड़की (छेड़छाड़ की पीड़िता) की मां और मामा पांच लाख रुपये अथवा दो बीघे जमीन मांग रहे हैं। पिता ने आरोप लगाया कि रक्षाबंधन के दिन सुबह लड़की ( पीड़िता) का मामा आया था। उसने राहुल के सामने ही हम लोगों से जल्दी पैसों का इंतजाम करने या दो बीघे जमीन नाम करवाने के लिए कहा था। अन्यथा सजा के लिए तैयार रहने की धमकी भी देकर गए थे। भाई धीरज के मुताबिक राहुल ने बहन रानी से राखी बंधवाई। राखी बंधवाते वक्त राहुल ने रोते-रोते कहा कि वह निर्दोष है। रंजिशन झूठे आरोप में फंसाया गया है। थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पिता ने लिख कर दिया है कि आत्मग्लानि के कारण खुदकुशी की है।
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