कोंच जालौन-------: (रिपोर्ट अतुल शास्त्री भारत News Nation 24)उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन अब देश में परिवर्तन की वयार(हवा) बहने लगी है जिसके अंतर्गत आज जनपद जालौन के कोंच तहसील के अंतर्गत ग्राम सदुपुरा में स्मृतिशेष अमर सिंह निरंजन (बाबूजी) के पुत्र तथा पुत्रवधुओं ने एक अनोखी पहल करते हुए मृत्युभोज के स्थान पर वृक्षारोपण किया और साथ ही समाज को एक उपयोगी संदेश दिया है।
इस कार्यक्रम में ममता पत्नी श्री भानु प्रताप, संगीता पत्नी श्री राम प्रताप, बंदना वर्मा (सीडीपीओ) पत्नी श्री प्रेम प्रताप एवं बाबू जी के नाती उत्कर्ष व पुत्री गिरजा पत्नी करुणानिधि तथा रानी पत्नी श्री गजेंद्र सिंह ने त्रयोदशी प्रथा का बहिष्कार कर उसके स्थान पर वृक्षारोपण कर स्मृतिशेष अमर सिंह निरंजन (बाबूजी) को श्रद्धांजलि दी और समाज को एक संदेश दिया कि वृक्षारोपण आज के समय में बहुत ही ज्यादा आवश्यक है हमारे आने वाले भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम में शामिल टीम बदलाव के सक्रिय सदस्यों में से एक रितेश वर्मा जी (प्रोफेसर गांधी डिग्री कॉलेज उरई) ने समाज को संदेश देते हुए कहा कि "एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान होता है" तथा "मृत्युभोज के स्थान पर वृक्षारोपण की परंपरा समाज हित में एवं पर्यावरण की दृष्टि से अति उपयोगी है।" डीवीसी उरई के प्राचार्य डॉ रामप्रताप जी ने कहा कि "समाज में परिवर्तन धीरे-धीरे आता है अतः हमें प्रयास करते रहना चाहिए।" एसआरपी के प्रवक्ता श्री अतुल अहिरवार ने मृत्युभोज के स्थान पर वृक्षारोपण करने को एक सराहनीय व राष्ट्र हित में उढ़ाया गया कदम बताया।
साथ ही ग्राम प्रधान सदुपुरा बृजेंद्र सिंह ने संकल्प लेते हुए कहा कि "पूरे गांव में मृत्युभोज को समाप्त करा कर वृक्षारोपण करने की परोपकारी प्रथा की शुरुआत की जाएगी।"
कार्यक्रम के मंच का संचालन श्री अनिरुद्ध जी (अध्यापक) के द्वारा किया गया। इस मौके पर टीम बदलाव से जुड़े प्रदीप महत्वानी, रामजीवन, रविंद्र गौतम, बीपी पांचाल (समाजसेवी), शशिकांत पटेल, संजय सिंघल, हरकिशुन, प्रवेश कुमार (मटर व्यापारी एवं समाजसेवी), श्रवण कुमार सहित ग्रामवासी व अन्य लोगों ने शिरकत की। पूरे कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन किया गया जोकि कार्यक्रम संचालकों एवं टीम बदलाव की समाजहित एवं राष्ट्रहित की मानसिकता को दर्शाता है।
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