लखनऊ-------:उत्तर प्रदेश कानपुर करीब महीने भर पहले अपहृत पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की दोस्तों ने ही रची थी हत्या की साजिश और हत्या भी कर दी थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया। गुरुवार रात पुलिस ने दो दोस्तों समेत चार युवकों और एक युवती को हिरासत में लिया है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उक्त युवक की हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया था । इनकी निशानदेही पर पुलिस ने संजीत की बाइक बरामद कर ली है। वारदात को फिरौती की रकम के लिए अंजाम दिया गया था
हालांकि शव की बरामदगी नहीं हुई, इसलिए पुलिस भी हत्या की पुष्टि नहीं कर रही है। इस बीच सुबह से लेकर शाम तक पीएसी ने पांडु नदी के किनारे शव की घंटों तलाश की। शव नहीं मिलने पर देर रात पीएसी की एक मोटर बोट मंगाकर तलाशी शुरू कराई गई। वहीं, देर रात पुलिस के घर आने पर स्वजनों को अनहोनी की आशंका गहराई और उन्होंने बवाल काट दिया।
पुलिस के मुताबिक बर्रा-5 एलआइजी कॉलोनी निवासी 27 वर्षीय संजीत यादव का अपहरण 26 जून की रात दोस्तों ने पैथोलॉजी जाते समय किया था। वह बर्रा की एक दूसरी पैथोलॉजी में काम करता था। साथ नौकरी करने वाले दो युवकों से उसकी दोस्ती हो गई। बताते हैैं कि इनसे ही 22 जून की रात बर्रा-2 में मुलाकात हुई थी। कॉल डिटेल से इसकी पुष्टि के बाद पूछताछ में पुलिस को कई सुराग मिले।
बर्रा बाईपास से संजीत को उसके दोस्त पनकी में एक ढाबे में खाना खिलाने के बहाने ले गए। वहीं सबने शराब पी। फिर, संजीत का अपहरण कर लिया। संजीत की बाइक रामादेवी सब्जी मंडी के पास झाडिय़ों में छिपाई गई बाइक बरामद कर ली। हिरासत में लिए युवकों में दो कैंथा और दो सचेंडी के हैैं, जबकि युवती कल्याणपुर की बताई जा रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूरी साजिश पनकी निवासी कुलदीप ने रची और उसका साथ दिया ज्ञानेंद्र, रामजी शुक्ला व अन्य तीन दोस्तों ने। कुलदीप ने अपनी महिला मित्र को पत्नी बनाकर रतनलाल नगर में किराए पर मकान लिया और वहीं पर संजीत को बंधक बनाकर रखा गया। ये लोग नींद की गोलियां देकर उसे बेहोश कर देते थे। चूंकि अपहर्ताओं को संजीत जानता था, इसलिए यह पहले से ही तय था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी।
No comments:
Post a Comment