जालौन उरई ----------: उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण कोविड-19 लॉकडाउन के चलते रोजगार ना मिलने से आर्थिक स्थिति से तंग आकर युवक फांसी पर झूला जनपद जालौन के थाना आटा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम इमिलिया निवासी राजेंद्र कुमार का पुत्र बृजेश उर्फ छोटू घर से रविवार की सुबह मजदूरी करने उरई जाने की बात कहकर निकला था। शाम चार बजे बारा मौजा में चरवाहों ने फांसी पर लटका उसका शव देखा। ग्रामीण बताते हैं कि आर्थिक तंगी के चलते बबूल के पेड़ से बिजली के केबल से फंदा बनाकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। शव देख चरवाहों ने उसके परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन में जुट गई। प्रधान प्रतिनिधि अजीत कुमार ने बताया कि छोटू के तीन भाई हैं। वह उरई से मजदूरी करके वापस लौटा और घर न पहुंचकर खेत में लगे बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्रा का कहना है कि जांच की जा रही है किन हालातों के चलते युवक खुदकुशी करने को विवश हुआ। वहीं विकासखंड कदौरा के ग्राम बबीना निवासी बब्बू पाल का पुत्र शेरसिंह मजदूरी करता था। कई दिनों से काम नहीं मिलने से वह आर्थिक रूप से परेशान चल रहा था। रविवार शाम गांव के बाहर बंबा किनारे खेत में बबूल के पेड़ से तार से लटका उसका शव मिला। राहगीरों ने शव देखा, इसके बाद शेर सिंह के स्वजनों को सूचना दी गई। वह रोते बिलखते हुए मौके पर पहुंचे। बाद में पुलिस घटना की जानकारी दी गई। दारोगा सत्यदेव त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। पुलिस का मानना है कि शेर सिंह ने खुदकुशी की है, लेकिन किस तनाव में उसने आत्मघाती कदम उठाया अभी यह साफ नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार वह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। अंदेशा जताया जा रहा है कि काम नहीं मिलने के कारण वह आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था। इसी हताशा व निराशा के बीच उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।
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Bharat News Nation 24
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