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Tuesday, 20 April 2021

जनपद में बनाए गए कई क्वारंटीन सेंटर

 जालौन उरई-------:(रिपोर्ट -अतुल शास्त्री भारत News Nation 24 )उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड जनपद जालौन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस . संक्रमण  कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए जनपद जालौन के कोविड अस्पतालों में बेशुमार मरीज पहुंचने और कम पड़ते बेडों को देखते हुए प्रशासन ने क्वारंटीन सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत कई गेस्ट हाउसों, इंटर कॉलेजों और महाविद्यालयों का अधिग्रहण कर लिया गया है। कोंच और नदीगांव कस्बों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी क्वारंटीन सेंटर बनाकर उनमें लोगों को आइसोलेट व क्वारंटीन करने की व्यवस्था की जाएगी।कोरोना की बढ़ती रफ्तार और कोविड अस्पतालों में मरीजों की भरमार के चलते संक्रमित मरीजों के अलावा बाहर से आने वालों को रोकने की व्यवस्था के तहत प्रशासन ने गेस्ट हाउसों, माध्यमिक स्कूलों और डिग्री कॉलेजों को क्वारंटीन सेंटर में तब्दील करने की योजना बनाई है और उनका अधिग्रहण भी कर लिया गया है। कोंच नगर में दो स्थानों को क्वारंटीन सेंटरों के लिए चुना गया है। इनमें नगर के बीच स्थित पालिका से संचालित कमला नेहरू बालिका इंटर कॉलेज तथा नगर के बाहर हाटा में स्थित शेल्टर होम है। दोनों सेंटरों में 50-50 बेड की व्यवस्था होगी।
उधर, नदीगांव कस्बे में वार्ड नंबर दो में स्थित झलकारी बाई धर्मशाला को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। अबकी बार प्रशासन हर गांव में सरकारी स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर बनाने के बजाए न्याय पंचायत स्तर पर इंटर कॉलेजों और डिग्री कॉलेजों जैसे बड़े स्थानों को क्वारंटीन सेंटर बनाने पर फोकस कर सकता है ताकि उनके संचालन में दिक्कत न आए। कोंच ब्लॉक के महावीर इंटर कॉलेज सामी, सिंहरण महाविद्यालय पिरौना, श्रीराम इंटर कॉलेज पहाडग़ांव को क्वारंटीन सेंटर बनाने पर विचार किया जा रहा है।
दूसरी ओर कोविड के इस दौर में आम जनता को समझ नहीं आ रहा है कि क्या खुला है और क्या बंद। इसी का परिणाम है कि तहसील में शादी विवाह के लिए अनुमति लेने वालों की भीड़ परमीशन कराने के लिए जुट रही है। जबकि इसमें प्रशासन की अनुमति की कोई आवश्यकता ही नहीं है। इस बाबत एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि शादी विवाह के लिए अनुमति लेने के लिए लोग कतई न आएं क्योंकि इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है। शासन ने ऐसे किसी भी आयोजन पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है लेकिन आयोजन के दौरान शासन से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। शादी में अधिकतम 50 और अंत्येष्टि में बीस लोगों के शामिल होने की छूट दी गई है।

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