प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको घटना से अवगत कराते चलें कि मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर के अलीपुरा निवासी आमिर (23) शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला तिलक नगर स्थित अपने मौसा शहजाद खान के घर में मंगलवार को आयोजित शादी समारोह में शामिल होने के लिए आया था। शादी हो जाने के बाद बुधवार की सुबह वह अपने पांच दोस्तों के साथ शहर के जालौन बाईपास स्थित ए स्क्वायर वाटर पार्क के स्विमिंग पूल में नहाने के लिए गया हुआ था। जब सभी वाटर पार्क में नहा रहे थे। तभी वह पूल में डूब गया। काफी समय बाद जब वह दिखाई नहीं दिया तो साथियों ने उसकी खोजबीन शुरू करते हुए पूल संचालक को इसकी जानकारी दी।दोस्तों को वह अचेतावस्था में पूल में पड़ा मिला साथी उसे मेडिकल कालेज ले गए जहां मृत घोषित कर दिया।रिश्तेदार शहजाद ने बताया कि घटना के वक्त वाटर पार्क में कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था जिसके चलते समय रहते आमिर को स्विमिंग पूल में बचाया नहीं जा सका। परिजनों ने बताया कि वह दो भाइयों में छोटा था। उसकी मौत से मां मुबीना बानों सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
शहर कोतवाल शिवकुमार सिंह राठौर ने बताया कि घटना की जांच पड़ताल की जा रही है अगर परिवार के लोग तहरीर देते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी।
स्विमिंग पूल संचालक अपने नियम से ही पूल का संचालन कर रहे है। खेल विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है। क्रीड़ाधिकारी न होने के चलते स्विमिंग पूल संचालकों पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है।
स्विमिंग पूल संचालक अपने नियम से ही पूल का संचालन कर रहे है। खेल विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है। क्रीड़ाधिकारी न होने के चलते स्विमिंग पूल संचालकों पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है।
- जय नारायण ओमरे, प्रभारी स्टेडियम, उरई हादसों के बाद भी नहीं ले रहे सबक
स्विमिंग पूल में हादसे की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले नोएडा, औरैया में भी इस तरह की घटना हो चुकी है। उसके बाद भी प्रशासन मानक विहीन चल रहे स्विमिंग पूल पर न तो रोक लगाई गई और न ही कोई कोई कार्रवाई की। दो साल के अंदर सात से आठ नए स्विमिंग पुल बनकर तैयार हो गए हैं। एक भी पूल मानकों को पूरा नहीं करता है। स्विमिंग पूल बिना मानकों के चल रहे है। अगर मानकों को पूल पूरी करे तो शायद इस प्रकार की घटना नही हो। नगर में हुई घटना के बाद संबंधित विभाग से अनुमित ली गई कि नहीं यह जांच का विषय बना हुआ है। सभी बिंदुओं को अधिकारियों द्वारा जांचा जा रहा है। ताकि ऐसी घटना दोबारा से न हो सके।स्विमिंग पूल के संचालन के मानक
खेल निदेशालय से पूल का संचालन शुरू करने से पहले अनुमित लेनी जरूरी है।
स्विमिंग पूल में आपात स्थिति के लिए दो लाइफ जैकेट का होना जरूरी है।
स्विमिंग पूल में दो आक्सीजन सिलिंडर, दो कृत्रिम सांस यंत्र भी होना चाहिए। पूल में फिल्टर प्लांट होना चाहिए, जो प्रत्येक दिन चार घंटे चलाया जाए।
स्विमिंग पूल चलाने के लिए सबसे पहले स्विमिंग कोच जो राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खिलाड़ी हो उसकी जरूरत होती है।
प्रत्येक स्विमिंग पूल के लिए लाइफ गार्ड जो भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित हो अनिवार्य है।
स्विमिंग पूल में दो तैराक पोल के पास होने चाहिए, जो कोई घटना पर तत्काल मदद दे सकें।
खेल निदेशालय से पूल का संचालन शुरू करने से पहले अनुमित लेनी जरूरी है।
स्विमिंग पूल में आपात स्थिति के लिए दो लाइफ जैकेट का होना जरूरी है।
स्विमिंग पूल में दो आक्सीजन सिलिंडर, दो कृत्रिम सांस यंत्र भी होना चाहिए। पूल में फिल्टर प्लांट होना चाहिए, जो प्रत्येक दिन चार घंटे चलाया जाए।
स्विमिंग पूल चलाने के लिए सबसे पहले स्विमिंग कोच जो राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खिलाड़ी हो उसकी जरूरत होती है।
प्रत्येक स्विमिंग पूल के लिए लाइफ गार्ड जो भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित हो अनिवार्य है।
स्विमिंग पूल में दो तैराक पोल के पास होने चाहिए, जो कोई घटना पर तत्काल मदद दे सकें।
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