लखनऊ --------:(रिपोर्ट जेपी द्विवेदी भारत News Nation 24) उत्तर प्रदेश के कासगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि एक लाख रुपये के इनामी मोती की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें गठित की गई थी। सोनकर के मुताबिक बीती रात मुखबिर से सूचना मिली कि मोती अपने साथियों के साथ करतला रोड, काली नदी के पास जंगल में छिपा है। पुलिस टीम ने भोर में ढाई से तीन बजे के बीच घेराबंदी की तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी।
एसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने जवाबी फायरिंग की जिसमें नगला धीमर, थाना सिढ़पुरा निवासी मोती को गोली लगी और वह घायल हो गया। एक बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। उन्होंने बताया कि घायल मोती को पुलिस वाहन में इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिढ़पुरा ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल कासगंज रेफर किया गया और वहां चिकित्सकों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।
सोनकर ने बताया कि बदमाश के पास से दारोगा से लूटी गई सरकारी पिस्टल, खोखा, कारतूस और 315 बोर का एक तमंचा बरामद किया गया है। बदमाश के शव का पंचायतनामा भरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इससे पहले थाना सिढ़पुरा, करतला रोड काली नदी के पास पुलिस मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ था। फोटो से उसकी पहचान एक लाख के इनामी मोती, पुत्र हुब्बलाल, निवासी नगला धीमर, थाना सिढ़पुरा के रूप में हुई थी। बदमाश को जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
आपको पूरी घटना से अवगत कराते चलें कि मोती ही सिपाही देवेंद्र सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी था। 9 फरवरी की रात पुलिस टीम पर हमला कर सिपाही की हत्या की गई थी और हमले में दरोगा घायल हुआ था। सिपाही की हत्या और पुलिस टीम पर हमले के मुख्य आरोपी शराब माफिया मोती और उसके भाइयों की गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस उसके ठिकानों पर चक्कर लगा रही थी और कयासों के आधार पर कई दिनों से उसकी तलाश मे जुटी थी।
सुनसान खादर में की दिन रात चहल कदमी
मोती की तलाश में पुलिस ने सुनसान गंगा खादर की भी खाक छानी लेकिन वहां भी उसका कोई सुराग नहीं मिला था। माफिया मोती और उसके भाइयों की तलाश में पुलिस की टीमों ने जगह-जगह डेरा डाला हुआ था, उसके निशाने पर कई संदिग्ध भी रहे। कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ भी की। पुलिस से मजबूत था मोती का सूचना तंत्र कासगंज जिले में सिपाही के हत्यारोपी की तलाश में पुलिस जिस सूचना तंत्र का उपयोग कर रही थी। उससे कहीं ज्यादा हत्यारोपी मोती का सूचना तंत्र मजबूत था। बताते हैं कि पुलिस उसकी तलाश में लगी थी और मोती पुलिस की लोकेशन पर चल रहा था। चर्चा है कि गांव के बच्चे तक उसे पुलिस की लोकेशन बता रहे थे। इससे वह पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहा था। पहले मोती के भाई एलकार का हुआ था एनकाउंटर मोती से पहले पुलिस ने एलकार नाम के एक आरोपी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। एलकार मोती का भाई था। पुलिस के मुताबिक एलकार भी सिपाही देवेंद्र जसावत की हत्या करने वाले शामिल था। एलकार को पुलिस ने काली नदी की कटरी किनारे मुठभेड़ में मार गिराया था। आरोपी एलकार गांव धीमर का रहने वाला था। ऐलकार भी पुराना हिस्ट्रीशीटर था। उस पर भी कई मामले दर्ज
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